‘‘देवताओं का चरित्र, पवित्र या अपवित्र’’

जय अर्जक, जय मूल निवासी।

जय दलित, पिछड़ा, जय आदिवासी।

आप हैं पावन पूज्य, असली भारतवासी।

पर हिन्दू शास्त्र आपको कहता नीच एवं अविश्वासी।

आप वेद-शास्त्रों के असलियत को जाने।

अपने वास्तविक दुश्मनों को पहचाने।

आपको मूर्ख बनाते भाग्य भगवान के बहाने।

ये सदियों से बुनते हैं छल प्रपंच के ताने बाने।

आपके दुश्मन कौन हैं ? ले आप जान।

जिसने बनाया मिट्टी एवं पत्थर का भगवान।

पूजा पाठ कराना है जिसका मुख्य काम।

वही है प्राचीन आर्य, आज जिसका ब्राह्मण नाम।

ब्राह्मणों ने सब पर अत्याचार किया।

56 करोड़ देवी देवताओं का अविष्कार किया।

दलित, पिछड़ा व महिलाओं को अशिक्षित व लाचार किया।

ब्राह्मण सदियों से हैं शक्ति हीन।

उनके देवी-देवता सब चरित्रहीन।

छल से आपको बनाया बुद्धीहीन।

इसलिए आपका सत्ता आपसे लिया छीन।

सृष्टि कर्ता ब्रह्मा ने सबको किया शर्मसार।

अपनी बेटी सरस्वती से किया व्यभिचार।

सृष्टि के पालन कर्ता विष्णु का उत्तम विचार।

कश्यप ऋषि के पौत्रबन्धू तुलसी के साथ किया बलात्कार

शंकर थे कैसा अनोखा भगवान।

अंजनी से बलात्कार किया छुपाके अपनी पहचान।

तभी तो जन्म लिया एक बंदर दरवान।

जिसे सब कहते हैं शंकर सुवन हनुमान।

देवराज इंद्र ने कमजोर महिला पर किया अत्याचार।

गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या से किया बलात्कार।

निर्दोष पत्नी को श्राप देकर गौतम ऋषि ने किया लाचार।

तभी तो राम ने लात मार अहिल्या का किया उद्धार।

राजा दशरथ ने श्रृंगी ऋषि को बुलाया।

ऋषि ने उनकी पत्नियों संग संबंध बनाया।

फलतः राम चारों भाई इस धरती पर आया।

65 वर्ष के उम्र में नपुंशक दशरथ पिता कहलाया।

राम चारों भाई थे नाजायज संतान।

तभी तो ब्राह्मण खीर खिलाने का देते हैं प्रमाण।

इसीलिए शास्त्र में मिला नियोग विधि को स्थान।

फिर भी ब्राह्मणों ने इन्हें घोषित किया भगवान।

नाजायज औलाद थी जनक की बिटिया रानी।

तथी तो राम ने बनाया सीता को अपनी महारानी।

एक के जन्म में खीर खिलाने की अद्भुत कहानी।

तो राजा जनक हल से बच्चा पैदा करने में समझते थे मर्दानी।

ब्राह्मणों ने शास्त्र लिखने में किया खूब मनमानी।

ग्रंथों में लिख डाला अद्भुत कहानी।

तभी तो बेटा बाप को देता था उधार जवानी।

ताकि बाप बुढ़ापे में भी रख सके अनेक रानी।

ब्राह्मण दलित, पिछड़ों से जब लड़ाई में हारा।

तब उसने षड़यंत्र का लिया सहारा।

ब्राह्मण के कहने पर राम ने शूद्र शम्बूक को मारा।

इसलिए तो वे राम को कहते हैं पालन हारा।

ब्राह्मणों ने दलित, पिछड़े योद्धाओं को साधकर।

मरवाडाला अपनी बेटियों, संग परिणय सूत्र में बंाधकर।

पिछड़ों के राजा महिषासुर प्रत्यक्ष प्रमाण।

दुर्गा ने सोये हुए में ले ली अपने पति की जान।

भीम राव अम्बेडकर के घर ब्राह्मण की बेटी आयी।

दूध में जहर मिलाकर बाबा साहब को पिलायी।

इस बात का गाँठ बाँध लें यहाँ उपस्थित सब भाई

उसी दिन दुश्मनों के घर बजने लगी थी शहनाई।

दुश्मन हमें वर्षों तक छलते रहे।

हम अंधविश्वास के साये में पलते रहे।

जात-पात एवं ऊँच-नीच के आग में जलते रहे।

ब्राह्मण शोषण करते रहे, हम अपने में लड़ते रहे।

जात-पाँत का भेद मिटाने को।

अंधविश्वास एवं पाखण्ड हटाने को।

सबको सम्मानित व्यक्ति बनाने को।

रामस्वरूप वर्मा आगे आये।

अर्जक संघ नाम की संस्था बनाये।

वर्मा जी ने दलित, पिछड़ों का किया पुकार।

शादी-श्राद्ध में खर्च मत करना हजारों हजार।

मदद करो उसे जो समाज में हो दुःखी व लाचार।

सब व्यक्ति करो एक दुसरे से समान व्यवहार।

महाराज सिंह भारती ने अर्जक संघ को आगे बढ़ाया।

वर्मा जी के विचारों को खूब फैलाया।

अर्जकों के लिए अनेक साहित्यिक रचना बनाया।

‘सृष्टि और प्रलय’ ने इनके विचारों में चार चाँद लगाया।

भारती जी कहते वैज्ञानिक सोंच लाओ।

रूढ़ीवाद एवं अंध विश्वास को जड़ से मिटाओ।